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खुदरा बाजार में भी 10 रु किलो बिक रहा है प्याज़
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खुदरा बाजार में भी 10 रु किलो बिक रहा है प्याज़

                            

                                     प्याज 10 रु. प्रतिकिलो ,इसमें भी इसकी पूछ परख नहीं, सड़ने लगा

                                             खपत गिरने और उठाव कम होने का भी  एक कारण  

                                                                               


 

                                                                                       

जावरा।.जिस प्याज को ले कर सरकार बदल जाती हो , जिस प्याज ने लोगो को आंसू रुलाये हो वही प्याज आज लोगों को रुलाने के बजाय खुद ही सड़ने लगा है। इन दिनों थोक बाजार में प्याज 5 से 7 रुपये किलो बिक रहा है तो दूसरी तरफ खुदरा बाजार में भी 10 किलो बिक रहा है। इसमें भी इसकी पूछ परख नहीं हो रही है l इन दिनों खुदरा बाजार में भी 10 किलो बिक रहा है। इसमें भी इसकी पूछ परख नहीं हो रही है और सड़ने बदबू मारने के कारण यह प्याज अब कट्टों में राऊ, महू सहित प्याज उत्पादक क्षेत्र में सड़क किनारे पड़ा हुआ है। उसके उत्पादक किसान भी परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इस स्थिति में आखिर वह करें करे तो क्या करें। इन दिनों आप राऊ, महू देपालपुर क्षेत्र में किधर भी निकल जाइये आपको सड़क किनारे खुले में और थेलों में कट्टों में प्याज ही प्याज मिल जाएंगे। सड़क किनारे प्याज का ढेर लगा हुआ है। प्याज के अत्यधिक उत्पादन के कारण इनकी खपत और उठाव कम हो गया है। हालांकि खपत गिरने और उठाव कम होने के पीछे एक कारण बरसात के कारण इसका गीला हो जाना और मौसम में आद्रता के कारण नमी भी जिम्मेदार हैं।चालीस वाल प्याज १० रूपये पर अटका अभी लगभग तीन चार महीने पहले प्याज 30 से 40 किलो बिक रहा था। लेकिन अब इसकी हालत खराब हो गई है। बताया जाता है कि खुद किसानों को भी नहीं पता था कि आने वाले समय में 3 माह बाद इस तरह के हालात पैदा हो जाएंगे। माल नहीं खपने से किसान परेशान हैं, उधर कोल्ड स्टोरेज में भी माल पड़ा हुआ है और उसे ठिकाने लगाना एक बड़ी झंझट बन गया है। ट्रांसपोर्टेशन भी अखरने लगा है इस संदर्भ में कुछ किसानों से चर्चा हुई तो उनका में कहना था कि इस बार बरसात, डीजल, ट्रांसपोर्टेशन ने प्याज उत्पादकों की कमर तोड़ दी। कहां वह मुनाफा कमाने की सोच रहे थे और कहां लागत निकालने के ही लाले पड़ गए। लग्नसरा ने बिगाड़ी स्थिति बताया जाता है कि इस साल भी कम मुहूर्त होने और कोरोनावायरस की सक्रियता तथा सोशल डिस्टेंसिंग के पालन और कोविड- 19 की गाइडलाइन के चलते शादी व्याव और अन्य मांगलिक कार्य बड़े पैमाने पर नहीं होने के कारण भी प्याज की खपत नहीं हो पाई है। मांग और आपूर्ति के बीच लॉकडाउन के कारण अंतर भी इसकी खपत नहीं होने के एक कारण में शामिल है। कोल्ड स्टोरेज में भी पड़ा हुआ है माल बताया जाता है कि कोल्ड स्टोरेज में भी बड़ी मात्रा में प्याज पड़ा हुआ है और अभी आने वाले समय में तो इस प्रकार के कोई आयोजन या मांगलिक कार्य भी नहीं है जो स्टाक का माल बाहर आ जाए।

जिस प्याज को ले कर सरकार बदल जाती हो ,व्जिस प्याज ने लोगो को आंसू रुलाये हो वही प्याज आज लोगों को रुलाने के बजाय खुद ही सड़ने लगा है। इन दिनों थोक बाजार में प्याज 5 से 7 रुपये किलो बिक रहा है तो दूसरी तरफ खुदरा बाजार में भी 10 किलो बिक रहा है। इसमें भी इसकी पूछ परख नहीं हो रही है l इन दिनों खुदरा बाजार में भी 10 किलो बिक रहा है। इसमें भी इसकी पूछ परख नहीं हो रही है और सड़ने बदबू मारने के कारण यह प्याज अब कट्टों में राऊ, महू सहित प्याज उत्पादक क्षेत्र में सड़क किनारे पड़ा हुआ है। उसके उत्पादक किसान भी परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इस स्थिति में आखिर वह करें करे तो क्या करें। इन दिनों आप राऊ, महू देपालपुर क्षेत्र में किधर भी निकल जाइये आपको सड़क किनारे खुले में और थेलों में कट्टों में प्याज ही प्याज मिल जाएंगे। सड़क किनारे प्याज का ढेर लगा हुआ है। प्याज के अत्यधिक उत्पादन के कारण इनकी खपत और उठाव कम हो गया है। हालांकि खपत गिरने और उठाव कम होने के पीछे एक कारण बरसात के कारण इसका गीला हो जाना और मौसम में आद्रता के कारण नमी भी जिम्मेदार हैं।...

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जिस प्याज को ले कर सरकार बदल जाती हो ,व्जिस प्याज ने लोगो को आंसू रुलाये हो वही प्याज आज लोगों को रुलाने के बजाय खुद ही सड़ने लगा है। इन दिनों थोक बाजार में प्याज 5 से 7 रुपये किलो बिक रहा है तो दूसरी तरफ खुदरा बाजार में भी 10 किलो बिक रहा है। इसमें भी इसकी पूछ परख नहीं हो रही है l इन दिनों खुदरा बाजार में भी 10 किलो बिक रहा है। इसमें भी इसकी पूछ परख नहीं हो रही है और सड़ने बदबू मारने के कारण यह प्याज अब कट्टों में राऊ, महू सहित प्याज उत्पादक क्षेत्र में सड़क किनारे पड़ा हुआ है। उसके उत्पादक किसान भी परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इस स्थिति में आखिर वह करें करे तो क्या करें। इन दिनों आप राऊ, महू देपालपुर क्षेत्र में किधर भी निकल जाइये आपको सड़क किनारे खुले में और थेलों में कट्टों में प्याज ही प्याज मिल जाएंगे। सड़क किनारे प्याज का ढेर लगा हुआ है। प्याज के अत्यधिक उत्पादन के कारण इनकी खपत और उठाव कम हो गया है। हालांकि खपत गिरने और उठाव कम होने के पीछे एक कारण बरसात के कारण इसका गीला हो जाना और मौसम में आद्रता के कारण नमी भी जिम्मेदार हैं।...

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