प्रशासन का गैर जिम्मेदाराना रवैया, व्यापारियों ने आत्मदाह की अनुमति मांगी
व्यापारियों ने प्रशासन की कार्यवाही पर उठाए सवाल
डेस्क रिपोर्ट । ढोढर की जनता कॉन्प्लेक्स की 106 दुकानों को अवैध बता कर प्रशासन द्वारा तोड़ दिया गया, इसमें कई परिवार रोड पर आ गए ,उनके आगे रोजी रोटी तथा परिवार के भरण पोषण का गंभीर संकट आ खड़ा हुवा है , प्रशासन द्वारा जिस तरह शॉर्ट नोटिस पर कॉन्प्लेक्स की 106 दुकानों को अवैध करार देते हुए तोड़ा गया जिससे कई परिवार एक झटके में बेरोजगार हो गए इसके लिए कौन जिम्मेदार है प्रशासन ,खरीददार या किरायादार, उक्त कंपलेक्स को प्रशासन द्वारा तोड़ने के बाद बेरोजगार हुए 106 परिवारों ने जावरा एसडीएम के समक्ष उपस्थित होकर आत्मदाह की अनुमति मांगी है । जिस तरह प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्यवाही कर इन गरीबों को रोजगार से दूर किया यह सोचनीय प्रश्न है ।जहां सरकार रोजगार के लिए बड़ी-बड़ी बातें करती है वहीं प्रशासन द्वारा इस त्योहार के सीजन में करीब 106 लोगों को बेरोजगार कर दिया गया , अगर प्रशासन को उक्त कार्यवाही करना ही थी तो पहले इन व्यापारियों से बात कर इनको अन्य कोई जगह उपलब्ध करवाना चाहिए थी जिससे कि इस त्योहार के सीजन में इनको परेशानी नहीं उठाना पड़ती 3 दिन के शॉर्ट नोटिस पर जिस तरह इन दुकानदारों को दुकानों से बेदखल किया गया यह विचारणीय है इन व्यापारियों ने बरसात के मौसम में अपनी दुकानों का सामान ताबड़तोड़ इधर उधर रोड पर खुली जमीन में रख दिया करोड़ों रुपए का सामान खुले में पड़ा हुआ है अब यह बेरोजगार व्यापारी अपनी समस्या लेकर प्रशासन के पास पहुंचे हैं। जनता कांपलेक्स के बेरोजगार हुए व्यापारियों ने जावरा एसडीएम को रोजगार के लिए जगह उपलब्ध नहीं कराने पर 106 परिवार को आत्मदाह की अनुमति देने संबंधी ज्ञापन भी सौंपा , उक्त ज्ञापन में बेरोजगार व्यापारियों ने बताया कि वह उक्त दुकानों में पिछले 15 सालों से वाजिब किराए में स्वरोजगार व्यवसाय कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने अचानक ही शॉर्ट नोटिस में उक्त कॉन्प्लेक्स को अवैध बताकर जमीन दोज कर दिया उन्होंने ज्ञापन में आगे बताया कि कोरोना काल में भी इन दुकान मालिकों द्वारा हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया गया था दुकान मालिको ने चार चार महीने का किराया भी माफ कर दिया था और हमारी आर्थिक रूप से मदद भी की गई थी और इन मालिकों द्वारा हमारे साथ कभी भी कोई दबंगई या गलत व्यवहार नहीं किया गया ,जिन सफेदपोश लोगो के मकान टूटना चाहिए थे वह आज भी वहीं खड़े हैं ज्ञापन में आगे बताया गया के प्रशासन द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई है अगर निष्पक्ष कार्यवाही की जाती तो ढोढर में कई सफेदपोश लोगों के मकान टूट जाते, शासन ने दुकानों को तोड़ने के लिए नोटिस 5 अक्टूबर को दिया था ,प्रशासनिक अधिकारियों ने उक्त नोटिस हमें 9 अक्टूबर को रात्रि 8:30 बजे दुकानों के बंद होने के बाद बाहर चस्पा किया ताबड़तोड़ सुबह तक खाली करने को कहा गया इससे दुकानों का बहुत सामान वा फर्नीचर ध्वस्त हो गया जिससे दुकानदारों का बहुत नुकसान हुआ ।
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