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जीवन कागज की नोका और जीवन सुधरने का मौका
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जीवन कागज की नोका और जीवन सुधरने का मौका

     उप जेल में साध्वी श्री जय श्री जी के प्रवचन
जावरा। जीवन में कोई भी व्यक्ति रेगिस्तान, जंगल, शमशान, मेंटल हॉस्पिटल एवं जेल जाना नहीं चाहता लेकिन अज्ञात विडंबना   के कारण ऐसा हो जाता है । जीवन पवन का झोंका है, जीवन कागज की नोका  है और जीवन एक सुधरने का मौका है । जीवन को समझने का प्रयास जेल में भी संभव है सुंदर जीवन जीने के लिए हमें धर्म अध्यात्म की ओर बढ़ना होगा यह विचार साध्वी श्री जयश्रीजी महाराज साहब ने जावरा उप जेल में जैन सोशल ग्रुप जावरा के सौजन्य से आयोजित प्रवचन के दौरान व्यक्त किए । इस मौके पर साध्वी श्री राजश्रीजी महाराज साहब एवं साध्वी श्री समीक्षा श्रीजी महाराज साहब के भी प्रवचन हुए । जैन सोशल ग्रुप के अध्यक्ष शेखर नाहर ने बताया- उप जेल में आयोजित कार्यक्रम में  " "इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना हम चले नेक रस्ते पर भूलकर भी कोई भूल हो ना " गीत के माध्यम से उपस्थित करीब 250 कैदियों को जीवन में भूल ना करने की प्रेरणा प्रदान की गई । इस अवसर पर जैन सोशल ग्रुप के प्रमुख पदाधिकारी धर्मचंद चपडोद, योगेंद्र कोठारी,सुभाष डूंगरवाल, शिखर धारीवाल, राजकुमार मारवाड़ी, प्रदीप सेठिया, नेमीचंद जैन, योगेंद्र कोठारी, सुनील मेहता, नरेंद्र संघवी, राकेश कोचट्टा , संजय तलेसरा तथा जेल अधीक्षक देवेंद्र सिंह चंद्रावत सहित  तथा जेल स्टाफ उपस्थित रहा । कार्यक्रम का आभार व्यक्त करते हुए संस्था के अध्यक्ष शेखर नाहर ने कहा कि जैन सोशल ग्रुप पीड़ित मानवता की सेवा के साथ-साथ अपराध से दूर देने के लिए ऐसे ही रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्यक्रम करता रहेगा  ।

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