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जीएसटी के विरोध में कारोबारियों का अजीब प्रदर्शन
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जीएसटी के विरोध में कारोबारियों का अजीब प्रदर्शन

 

                          सरकार का फैसला जनविरोधी-- कमलनाथ

                              

डेस्क रिपोर्ट । केंद्र सरकार द्वारा कपड़ों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर पांच से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने के खिलाफ मध्य प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में रेडीमेड परिधान कारोबारियों ने गुरुवार को पकौड़े, पोहा और सब्जियां बेचकर विरोध जताया। नाटकीय विरोध प्रदर्शन के दौरान कपड़ा कारोबारी राजबाड़ा क्षेत्र में आम सड़क पर पकौड़े और पोहा पकाते व बेचते दिखाई दिए और उन्होंने सड़क पर ठेला लगाकर सब्जियां भी बेचीं। 

इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन ने कहा, 'इस प्रदर्शन के जरिए हम संदेश देना चाहते हैं कि अगर कपड़ों पर जीएसटी वृद्धि वापस नहीं ली गई, तो हमें कपड़ों की दुकानें बंद कर पकौड़े, पोहा और सब्जियों की दुकानें खोलनी होंगी।' उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' के जुमले उछालने वाली केंद्र सरकार ने कपड़ों पर जीएसटी बढ़ाकर स्वदेशी की अवधारणा के विपरीत कदम उठाया है। जैन ने दावा किया कि इस कदम से भारतीय परिधान निर्माताओं को तगड़ा नुकसान होगा, जबकि चीनी और बांग्लादेशी कपड़ा निर्माताओं का भारत के बाजार में दबदबा कायम हो जाएगा। 

सरकार का फैसला जनविरोधी: कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस कपड़़ा व्यवसायियों के साथ खड़ी है और सरकार को ये फैसला वापस लेना चाहिए। कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्होंने पहले भी कहा था कि कपड़े पर एक जनवरी से जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का निर्णय जनविरोधी है। कपड़ा व्यवसायी इसका विरोध कर रहे है, इससे कपड़ा व्यवसाय तबाह हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस निर्णय को तत्काल निरस्त करना चाहिए, लेकिन सरकार की हठधर्मिता के कारण व्यापारी विरोध को मजबूर है। 

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