संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं
नुकसानी वसूली अधिनियम 2021 लागू
डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अब इसकी वसूली भी सरकार उन्हीं लोगों से करेगी। इसके लिए राज्य की शिवराज सरकार द्वारा मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति के नुकसान का निवारण और नुकसानी वसूली अधिनियम 2021 को लागू कर दिया गया है।
बुधवार से लागू हुई इस व्यवस्था के तहत अवधरणा, जुलूस, हड़ताल किसी भी कारण से एक या एक से अधिक व्यक्तियों के समूह द्वारा पत्थरबाजी, आगजनी व तोड़फोड़ के बाद निजी और सरकारी किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचती है तो इसकी वसूली उन्हीं लोगों, जुलूस और हड़ताल बंद प्रदर्शन करने वालों से की जाएगी। वही दावा अधिकरण गठित होने के बाद जिस व्यक्ति के सरकारी संस्था की संपत्ति को किसी भी हड़ताल, जुलूस बंद प्रदर्शन से नुकसान पहुंचा है। 30 दिन के भीतर उसे दावा अधिकरण के समक्ष आवेदन करना होगा। वही आवेदन के 90 दिन के अंदर इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
इसके लिए राज्य सरकार कानून के तहत विशेष दावा अधिकरण गठित करेगी। जो मामले की जांच करेंगे। इसके अध्यक्ष सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश होंगे। वहीं इस गठित कमेटी में 1 सदस्य की नियुक्ति की जाएगी। जो सचिव या समकक्ष स्तर पर अधिकारी नियुक्त होगा। वही अधिकरण गठित कमेटी द्वारा मामले की जांच की जाएगी। साथ ही 3 माह में क्षतिपूर्ति की राशि निर्धारित की जाएगी। जिसका भुगतान आरोपियों को 15 दिन में करना होगा। वहीं आरोपी द्वारा तय सीमा के अंदर यदि क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो राज्य सरकार द्वारा आरोपी की चल अचल संपत्ति की नीलामी करके उसे संपत्ति को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इतना ही नहीं इस नियम के तहत उन लोगों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। जो लोग किसी को ऐसे कृत्य करने के लिए उकसाने का काम करेंगे। वहीं निजी और सरकारी संपत्ति के दायरे में केंद्र और राज्य सरकार के स्थानीय निकाय सहकारी संस्था कंपनी की और निजी संपत्ति में शामिल रहेगी।
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