आरबीआई ने बदलाव नहीं किया ब्याज दरों में, महंगाई बढ़ने की उम्मीद
भविष्य में ब्याज दरों में वृद्धि की उम्मीद कम
डेस्क रिपोर्ट। आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने आज 3 दिन तक चली मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक के फैसलों का ऐलान किया। आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने बताया एमपीसी ने नई मॉनिटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। आरबीआई ने रेपो रेट पहले की तरह 4 फीसदी बरकरार रखा है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी में भी कोई बदलाव नहीं किया है। जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट को भी 4.25 फीसदी बरकरार रखा है।
7.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी जीडीपी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 7.8 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया है। आरबीआई का मानना है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में घरेलू अर्थव्यवस्था में 17.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7 फीसदी, तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही में 4.3 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।
महंगाई बढ़ने की उम्मीद जताई
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) 5.7 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद जताई है। जो कि वर्तमान में 5.69 फीसदी है। जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 लोगों को महंगाई से राहत मिल सकती है आरबीआई के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) 4.5 फीसदी रह सकता है। 2022-23 की पहली तिमाही में महंगाई
भविष्य में ब्याज दरों में वृद्धि की उम्मीद कम
आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने यह जानकारी दी कि एमपीसी ने मॉनिटरी पॉलिसी का रुख ‘अकोमोडेटिव’ रखा है। आपको बता दें, ‘अकोमोडेटिव’ का मतलब है कि निकट भविष्य में आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी में ब्याज दरों को कम करने जा रहा है। आमतौर पर दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों द्वारा मॉनेटरी पॉलिसी को ‘अकोमोडेटिव’ तब रखा जाता है जब केंद्रीय बैंक को बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ानी हो।4.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही 4 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 रह सकती है।
क्या होता है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट: यह वह दर होती है जिस पर सभी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कर्ज लेते हैं। बैंकों द्वारा इस कर्ज का उपयोग आगे बैंकों द्वारा लोगों को होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, आदि देने के लिए किया जाता है। वर्तमान में आरबीआई द्वारा निर्धारित रेपो रेट 4 प्रतिशत है।
रिवर्स रेपो रेट: जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है यह रेपो रेट का बिल्कुल उल्टा होता है रिवर्स रेपो रेट के तहत सभी बैंक अतिरिक्त पूंजी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास जमा कराते हैं। जिस पर केंद्रीय रिजर्व बैंक द्वारा उन्हें ब्याज दिया जाता है। बाजार में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर रिवर्स रेपो रेट को बढ़ाया और घटाया जाता है।
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