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 दहेज मृत्यु भोज शराब टीका मांस यह सभी समाज के विनाश की जड़
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दहेज मृत्यु भोज शराब टीका मांस यह सभी समाज के विनाश की जड़

                                      जीते जी माता पिता की सेवा कर लेना सबसे बड़ा भोज

                                           

कालूखेड़ा। अनावश्यक रूप से व्याप्त दहेज मृत्यु भोज शराब टीका मांस यह सभी समाज के विनाश की जड़  हो कर  एक अभिशाप  भी है जीते जी माता पिता की सेवा कर लेना सबसे बड़ा भोज हें बाकी सब आडंबर है । समाज में परिवर्तन आता नहीं लाना पड़ता है उदाहरण मिलता नहीं बनाना पड़ता है। सकारात्मक सोच व रचनात्मक कार्य से ही समाज में परिवर्तन आता है। लोकतंत्र मे हमे प्रत्येक समाज मे अपने व्यवहार को बढ़ाना होगा।  उक्त बात गांव भाटखेड़ा में युवराजसिंह लोकेंद्रसिंह घनश्यामसिंह देवड़ा परिवार के यहां सामाजिक समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता नारायणसिंह चिकलाना ने उपस्थित समाज बंधुओं को संबोधित करते हुए कही  आगे नारायणसिंह ने कहा कि आज लोकतंत्र है इसमें हमें आमजन में अपनी सहभागिता बढ़ाना होगी पुरानी सोच  पुरानी कुपृथाएं और अनावश्यक  परंपराओं को त्यागने की आवश्यकता है   हमे अगर नया करना है तो पुरानी बातों को छोड़ना होगी।  जब समय ही बदल रहा है तो हमें भी अपनी सोच  को बदलना होगी। व्यवहार ऐसा बनाएं कि हर वर्ग में हमारा मान बड़े।  सम्मान देने से ही सम्मान मिलता है। यही समान हमारे जीवन की उपलब्धि है।  इस अवसर पर गांव एवं आसपास के अनेक समाज बंधु उपस्थित थे।

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