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निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम  , कलेक्टर का आदेश जारी
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निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम , कलेक्टर का आदेश जारी

                            निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम  , कलेक्टर का आदेश जारी

                                         

रतलाम निजी स्कूलों में शिक्षा सत्र शुरू होते ही स्कूलों की मनमानी सामने आने पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कड़ा आदेश जारी किया है। जानकारी के अनुसार निजी स्कूलों की मोनोपाली खत्म करने और उनकी मनमानी फीस, निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलाने और ड्रेस, बैल्ट टाई आदि को लेकर चल रहे निजी स्कूलों के खुद के नियमों पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का अनिवार्यत: पालन करना अनिवार्य किया गया है। ऐसा नहीं होने की दशा में निजी स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि यह आदेश एमपी बोर्ड और सीबीएसई मान्यता प्राप्त दोनों ही तरह के स्कूलों पर लागू होंगे।

9 से 12 में केवल एनसीईआरटी

कक्षा 9 से 12 वीं तक लिए एनसीईआरटी और मप्र पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित एवं मुद्रित पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य प्रकाशकों/मुद्रकों द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पुस्तके नहीं चलाई जाए। संस्था में उन्हीं पाठ्यपुस्तकों को प्रचलित किया जाए जो बच्चों के लिए शिक्षाप्रद एवं लाभप्रद हो। बच्चों के बस्तों का बोझ कम हो, अनावश्यक पाठ्यपुस्तकें बढाई जाए।

 कोई संस्था बाध्य नहीं करें

संस्था अपने विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को पुस्तके, कापियां, यूनिफार्म, टाई, बैल्ट, जूते एवं अन्य सामग्री किसी एक दुकान/विक्रेता/संस्था विशेष से खरीदने के लिए बाध्य नहीं करें। जिन संस्थाओं के पास बच्चों के परिवहन की सुविधा है। वे संस्थाएंं वाहन परिचालन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के 18 बिन्दुओं के निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें।

वाहन शुल्क का खुलासा जरुरी

विद्यार्थियों से इसके लिए कितना शुल्क लिया जा रहा है तथा इसके समस्त बिन्दुओं की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल उपलब्ध कराई जाए। शाला छोडऩे का प्रमाणपत्र देने के लिए भी विद्यार्थियों या अभिभावकों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाए। आवेदन प्राप्त होते ही उसे तत्काल प्रमाणपत्र दें। विद्यार्थी का आधार एवं समग्र आईडी नंबर अवश्य अंकित किया जाये

 शुल्क और पुस्तकों का अनुमोदन जरूरी

कलेक्टर ने आदेश में स्पष्ट किया कि संस्था में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व संस्था में प्रचलित होने वाली पाठ्यपुस्तकों का अनुमोदन पालक शिक्षक संघ से कराकर इसकी सूची मय पुस्तकों के मूल्य सहित स्कूल के नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए लगाई जाए। इसकी एक प्रति जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करते हुए इसकी प्रविष्ठि एज्युकेशन पोर्टल पर की जाए।

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