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विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत, रचा इतिहास
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विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत, रचा इतिहास

                                     निकहत ज़रीन ने मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रचा इतिहास

                                         

डेस्क रिपोर्ट। भारतीय मुक्केबाजी के लिए कल की रात बहुत यादगार रात थी, क्योंकि2018 के बाद से यह विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत का पहला स्वर्ण पदक भी था। निकहत ज़रीन ने गुरुवार, 19 मई, 2022 को इस्तांबुल में महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता लिया है। निकहत ने फाइनल में थाईलैंड के जितपोंग जुतामास को 5-0 से हराकर फ्लाईवेट (52 किग्रा) वर्ग में स्वर्ण पदक जीता है।

जानकारी के अनुसार तेलंगाना की यह 25 वर्षीय मुक्केबाज ने 52 किग्रा फाइनल में थाईलैंड के जितपोंग जुतामास को बिना पसीना बहाए शिकस्त दी। जिसमें जजों ने निकहत के पक्ष में 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 का स्कोर बनाया। रिकॉर्ड छह बार की चैंपियन एमसी मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) के बाद विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली निकहत एकमात्र पांचवीं भारतीय महिला हैं।

2018 में मैरी कॉम के जीतने के बाद से यह विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत का पहला स्वर्ण पदक भी था। आपको बता दें कि भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने कल इस्तांबुल में 5-0 से शानदार जीत दर्ज कर आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। निकहत ने 52 किग्रा फाइनल में थाईलैंड के जितपोंग जुतामास को बिना पसीना बहाए हरा दिया। निकहत के अलावा, दो भारतीय मुक्केबाजों मनीषा मौन ने 57 किग्रा और परवीन हुड्डा ने 63 किग्रा वर्ग में चैंपियनशिप में सेमीफाइनल के बाद कांस्य पदक जीता है। इसके साथ ही भारतीय दल ने दुनिया के सबसे बड़े मुक्केबाजी आयोजन में तीन पदकों के साथ अपने अभियान का समापन किया।


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