
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग की बड़ी कार्यवाई
50 से ज्यादा शिक्षकों को कर दिया सस्पेंड
डेस्क
रिपोर्ट। भोपाल
में
शिक्षकों के
आंदोलन
को
लेकर
स्कूल
शिक्षा
विभाग
ने
सख्ती
दिखाई
है।
प्रदर्शन में
आए
शिक्षकों के
अलावा
कई
शिक्षक
13 सितंबर
को
स्कूलों से
गायब
थे।
ऐसे
में
स्कूल
शिक्षा
विभाग
ने
प्रदेश
भर
के
करीब
400 शिक्षकों को
नोटिस
भेजकर
भेजकर जवाब माँगा गया था। जवाब
ना
मिलने
पर
करीब
50 से
ज्यादा
शिक्षकों को
सस्पेंड कर
दिया गया।
जानकारी के अनुसार इसे लेकर शासकीय शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शासन द्वारा लोकतांत्रिक मांगों पर ऐसी कार्यवाई करना ठीक नहीं है। मध्य प्रदेश के सभी शिक्षक अपनी पुरानी पेंशन बहाली, नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता आदि मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। लेकिन सरकार अहंकार से ग्रसित होकर निलंबित करने का कार्य कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस भ्रम से मुक्त रहे कि सरकार के इन निर्णयों पर शिक्षक अपनी मांगों से पीछे हटेंगे। इस आदेश के बाद शिक्षक पूरे प्रदेश में और अधिक लामबंद होंगे और अपनी मांगों को अधिक मुखरता के साथ रखेंगे। सरकार से अपेक्षा की है कि आंदोलन को कुचलने और दबाने की बजाय एक सार्थक संवाद कर शिक्षकों की मांगों का निराकरण करें।
जानकारी के अनुसार शासन ने संगठन को भोपाल में किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी।2015 में संगठन ने भोपाल में प्रदर्शन किया था। इसमें बड़ी संख्या में शिक्षक भोपाल में लालघाटी मार्ग तक पहुंच गए थे। प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भोपाल की सीमा पर तैनात किया गया था ताकि कोई भी शिक्षक किसी तरह से शहर के अंदर ना सके।
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