
केंद्र सरकार ने (PFI) पर लगाया बैन
केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगाया बैन
डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी घोषित करते हुए इन सभी पर पांच साल का बैन लगा दिया है। साथ ही पीएफआई को UAPA की धारा 35 के तहत 42 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में जोड़ा गया है। सरकार के आदेश के एजेंसियों और राज्य पुलिस के पास अब संगठन के सदस्यों को गिरफ्तार करने, उसके खातों को फ्रीज करने और यहां तक कि उनकी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार आ गए है।
जानकारी के अनुसार केंद्र ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), 1967 के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया है। जिसके बाद देश भर में केंद्रीय कानून प्रवर्तन किसी संगठन को प्रतिबंधित करने या उसे आतंकी संगठन घोषित करने के बाद उसकी फंडिंग और उससे जुड़े लोग अपराधी बन जाते हैं। UAPA की धारा 38 के तहत, ऐसा व्यक्ति जो किसी आतंकी संगठन से जुड़ा है, उसे एक से 10 साल की कैद या जुर्माना या दोनों ही सजाएं हो सकती है। हालांकि, इससे उन लोगों को छूट दी गई है, जिन्होंने आतंकी संगठन घोषित होने से पहले ही संगठन छोड़ दिया था या फिर किसी गतिविधि में शामिल नहीं थे।
PFI से भी बदतर है RSS - लालू यादव
केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन कर दिया है. इतना ही पीएफआई के साथ उसके 8 सहयोगी सगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. जानकारी के अनुसार इस एक्शन पर लालू प्रसाद यादव ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पीएफआई की तरह आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये हिंदू मुस्लिम करके देश को तोड़ रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के भी कई नेताओं ने संघ पर बैन लगाने की मांग की. तो सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने पीएफआई पर बैन को गलत बताया. हालांकि, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. लालू यादव ने ट्वीट कर कहा कि PFI की तरह जितने भी नफरत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है. सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है. आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है. सनद रहे, सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।
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