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पेसा एक्ट हे क्या, आज से प्रदेश में होगा लागु
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पेसा एक्ट हे क्या, आज से प्रदेश में होगा लागु

                              बिरसा मुंडा जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया 

                                     

डेस्क रिपोर्ट।  प्रदेश में मंगलवार को बिरसा मुंडा जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया । प्रदेश के शहडोल जिले में जनजातीय गौरव दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंच से नियमावली का विमोचन प्रदेश में पेसा एक्ट लागू किया। पेसा लागू करने वाला मध्य प्रदेश देश का अब 7वां राज्य बन गया। इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू का पारंपरिक मुकुट पहना कर और नृत्य से स्वागत किया गया। 

राष्ट्रपति मुर्मू ने सरकार को दी बधाई

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने मंच से सभी को जनजातीय गौरव दिवस की बधाई दी। और कहा कि आज मंगलवार का दिन मेरे लिए मंगलमय हो गया। समाज के वंचित वर्ग के लिए कार्य करने हेतु मध्य प्रदेश सरकार को बधाई देती हूं। राष्ट्रहित के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की परंपरा जनजातीय समाज में रही है।उन्होंने आगे बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में भी जनजातीय समाज के क्रांतिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मुझे पूर्व विश्वास है कि केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय समाज के लिए स्थापित किए जा रहे एकलव्य विद्यालयों से शिक्षित होने वाले छात्र देश की प्रगति में अपना योगदान देंगे।

मध्यप्रदेश का पेसा कानून है क्या 

देशभर के कई राज्यों में लागू पेसा एक्ट (PESA Act) का संबंध मध्यप्रदेश से ज्यादा है। क्योंकि मध्यप्रदेश के ही जनप्रतिनिधि दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में बनाई गई समिति की अनुशंसा पर यह एक्ट बनाया गया था। 24 दिसंबर 1996 को पेसा कानून देश में लागू हुआ था। इस कानून के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकारों की ओर से नियम बनाए जाने लगे थे। पेसा एक्ट की कोश कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में ही यह कानून अभी तक लागू नहीं हो सका है। 73वां भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 में पंचायती राज्य की व्यवस्था की गई है, इसी संशोधन के नियम-2 में यह उपबंध है कि पंचायतों में महिलाओं एवं अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए संख्या के आधार पर आरक्षित कर लाभ दिया जाए। इसी आधारशीलता पर पेसा एक्ट पारित किया गया है।

पेसा एक्ट  का उद्देश्य

आदिवासी परम्परा, रीति-रिवाजों, संस्कृति का संरक्षण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए यह एक्ट बनाया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत ग्राम सभा में एक ग्राम समिति होगी। उस समिति का अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति समुदाय की ही व्यक्ति होगा। ग्राम समिति ही ग्राम के अहम निर्णय लेगी। नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध, बाजारों की देख-रेख, ऋण वसूली, पलायन करने वालों की जानकारी रखना। आदिवासियों के लिए बने कानून की रीढ़ माने जाने वाले पेसा एक्ट के तहत आदिवासियों की पारंपरिक प्रणाली को मान्यता दी गई है। केंद्र ने पंचायत (अनुसूचित क्षेत्र के लिए विस्तार) (पेसा) अधिनियम 1996 कानून लागू किया था। वर्तमान में 5वीं अनुसूची में छत्तीसगढ़, छारखंड, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, गुजरात, हिमाचल, राजस्थान, तेलंगाना और राजस्थान में लागू है। मध्यप्रदेश में इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था। यह अब 15 नवंबर मंगलवार से लागू हो रहा है।

 


 

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