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दिग्विजय पर हारी 66 सीटें जिताने का जिम्मा....
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दिग्विजय पर हारी 66 सीटें जिताने का जिम्मा....

दिग्विजय पर हारी 66 सीटें जिताने का जिम्मा,
17 फरवरी से शुरू कवायद 2 जून को होगी फाइनल,
50 फीसदी सक्सेस रेट की प्लानिंग,

डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी के लिए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को खास जिम्मेदारी सौंपी है। जानकारो की माने तो कमलनाथ के निर्देश पर दिग्विजय 66 ऐसी सीटों पर दौरे कर रहे हैं, जहां लंबे समय से बीजेपी का कब्जा है। वे लगातार इन विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की बैठकें कर रहे हैं।

कार्यकर्ताओं के आग्रह पर जावरा भी रुके दिग्गी

 दिग्विजय सिंह रतलाम से मंदसौर जाते वक्त कार्यकर्ताओं के आग्रह पर कुछ देर के लिए जावरा भी रुके थे, परंतु ये सीट उन 66 सीटो में नही है, जानकारो की माने तो कांग्रेस इस सीट को कमज़ोर नही मान रही है, कही न कही  पीसीसी चीफ की सर्वे रिपोर्ट में जावरा विधानसभा सीट को जीतने की संभावना के तोर पर देखा जा रहा है। इसका मतलब साफ है कि पार्टी ने यहां जीतने वाले उम्मीदवार का नाम लगभग ...???

2 जून को पूरी होगी दिग्गी की परिक्रमा

राजधानी भोपाल की बैरसिया गोविंदपुरा विधानसभा सीट से लेकर विंध्य, बुंदेलखंड, चंबल, ग्वालियर, मालवा-निमाड़ सहित पूरे मप्र की उन सीटों पर दिग्विजय सिंह दौरे कर रहे हैं, जहां कांग्रेस को तीन-चार बार से हार का सामना करना पड़ रहा है। 17 फरवरी को दिग्विजय सिंह ने इन सीटों पर दौरे शुरू किए थे। 2 जून को दौरों का यह सिलसिला खत्म होगा।

दिग्गी इन सीटों पर बना रहे कांग्रेस की वापसी की रणनीति

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह जिन 66 सीटों पर दौरे कर रहे हैं, उनमें बैरसिया, गोविंदपुरा, बुधनी, सीहोर, आष्टा, टिमरनी, रामपुर बघेलान, रीवा, मनगवां, त्योंथर, दतिया, शिवपुरी, गुना, बमोरी, ग्वालियर 15, शमशाबाद, कुरवाई, बीना, खुरई, सुरखी, सागर, नरयावली, रहली, हटा, पथरिया, शुजालपुर, सुसनेर, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, बदनावर, रतलाम, सुवासरा, मंदसौर, नीमच, जावद, सिरमौर देवतालाब, सिंगरौली, देवसर, धौहानी, जयसिंहनगर, अनूपपुर मुड़वारा, सिहोरा, जबलपुर कैंट पनागर, सिवनी, पिपरिया, होशंगाबाद, सांची, सारंगपुर देवास, इंदौर 2, इंदौर 4, इंदौर 5 सांवेर, खातेगांव, बागली, हरसूद, बुरहानपुर, खंडवा, पंधाना, अशोकनगर, मुंगावली, चंदला और बिजावर शामिल हैं।

दिग्गी ऐसे तैयार कर रहे कांग्रेस की वापसी की जमीन

हारी हुई सीटों पर पहुंचकर दिग्विजय सिंह मीडिया से चर्चा कर रहे हैं। कांग्रेस के मंडलम, सेक्टर, ब्लॉक लेवल के कार्यकर्ताओं की बैठक कर रहे हैं। इन बैठकों में दिग्गी मंच पर बैठने के बजाय नीचे कार्यकर्ताओं के साथ ही बैठकर उनकी बातों को सुनते हैं और उन्हें डायरी में नोट करते हैं। हर कार्यकर्ता को वे अपने मन की पीड़ा और कांग्रेस की हार के कारणों को खुलकर बताने को कहते हैं। स्थानीय स्तर पर नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच गुटबाजी और मनमुटाव को दूर कराने के लिए भी गिले-शिकवे दूर करा रहे हैं।

इन सीटों पर दिग्गी ने किया नाइट स्टे

दिग्विजय सिंह अपने दौरे के वक्त रीवा, बीना, सुरखी, सागर, हटा, शुजालपुर, उज्जैन, बदनावर, शामगढ़ (सुवासरा), मंदसौर जावद, विधानसभा क्षेत्रों में रात रुक कर स्थानीय जनों से चर्चा कर जमीन टटोलने का काम कर चुके हैं।

अब तक 19 जिले और 35 विधानसभा सीटें नापी

17 फरवरी से 29 अप्रैल तक दिग्विजय सिंह अभी तक 19 जिलों की 35 विधानसभाओं के दौरे कर चुके हैं। दौरों के वक्त वे मंडलम, सेक्टर अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं की बैठकें कर चुके हैं।

ये हैं वो 19 जिलों की 35 सीटें जहां के दौरे कर चुके दिग्गी

1. भोपाल - बैरसिया, गोविंदपुरा
2. सीहोर- बुधनी, सीहोर, आष्टा
3. हरदा - टिमरनी
4. सतना- रामपुर बघेलान
5. रीवा - रीवा, मनगवां, त्योंथर
6. दतिया- दतिया
7. शिवपुरी- शिवपुरी
8. गुना- गुना, बमोरी
9. ग्वालियर- ग्वालियर
10. विदिशा- शमशाबाद, कुरवाई
11. सागर- बीना, खुरई, सुरखी, सागर, नरयावली, रहली
12. दमोह -हटा, पथरिया
13. शाजापुर- शुजालपुर
14. आगर मालवा- सुसनेर
15. उज्जैन- उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण
16. धार- बदनावर
17. रतलाम- रतलाम
18. मंदसौर-सुवासरा, मंदसौर
19. नीमच - नीमच, जावद

50% सीटों पर जीत की प्लानिंग

कांग्रेस मानकर चल रही है कि जिन 66 सीटों पर लंबे समय से बीजेपी का कब्जा है, वहां एंटी इनकमबेंसी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में आपसी गुटबाजी बढ़ी है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में आपसी मनमुटाव दूर कर सर्वे के आधार पर मजबूत प्रत्याशी को टिकट देकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बागी होने से रोक लिया जाए तो इनमें से 50 फीसदी यानी 30 से 35 सीटें जीती जा सकती हैं।

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