-->

Featured

Translate

दोरे के पहले पोखर की कमज़ोर लहरों को क्या शांत ........
f

दोरे के पहले पोखर की कमज़ोर लहरों को क्या शांत ........

                                 दोरे के पहले पोखर की कमज़ोर लहरों को क्या शांत ........

                                         

डेस्क रिपोर्ट। दिग्विजयसिंह के दोरे के पहले पोखर की कमज़ोर लहरों को शांत कर दिया गया हे, यही होना भी था नगर का इतिहास बताता हे की आज तक कोई ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं हुवा जो डंके की चोट पर ये कह सके की मुझे किसी पार्टी के सिंबोल ( चुनाव चिन्ह ) की ज़रूरत नहीं हे, में निर्दलीय ही चुनाव लडूगा मुझे नगर की जनता पर भरोसा हे या फिर जनता जनार्दन ये कहे की नेता जी आप के साथ पार्टी ने अच्छा बर्ताव नहीं किया हम सभी आप के साथ हे आप ताल ठोके, नगर पर सालो से कुछ परिवार राजनीती कर रहे हे परन्तु आज भी वो जनता के  भरोसे पर खरे नहीं उतरते हे। विधानसभा  के टिकिट को लेकर नगर में जो घमासान मचा था इस्तीफे दिए गए थे,  वो सिर्फ पानी का बुलबुले  थे , उनको फुस होना ही था, क्योकि अगर अकड़े रहते तो आप के हाथ से नगर पालिका जा सकती थी क्योकि नगर के पंजाछाप  और फूलछाप दोनों पार्टियों में ऐसा कोई नेता नहीं हे जो अपने पेरो पर खड़ा हो आज तक ये अमर बेल बने हुवे हे जो दूसरे के सहारे .....?

विधानसभा  के टिकिट को लेकर नगर में जो घमासान मचा था, और पार्टी दो गुटों में बटी दिखाई दे रही थी फ़िलहाल एक जाजम पर आ गई हे जिससे वक़्ती तोर पर पार्टी को ताक़त मिली हे परन्तु ये मज़बूती दिग्विजय सिंह के दौरे के बात भी कायम रह पाएगी देखना होगा, जिस तरह निर्दलीय उम्मीदवार जीवनसिंह शेरपुर मैदान में डटे हे और उनके साथ कई बीजेपी और कांग्रेस के नेता संपर्क मे हे, और कुछ नेताओ ने तो खुल कर समर्धन दिया हे, तो निश्चित ही  जानकारो की माने तो पिछले चुनाव की तरह ट्रेक्टर की जगह ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल हो सकता हे।      

0 Response to "दोरे के पहले पोखर की कमज़ोर लहरों को क्या शांत ........"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article