लाउडस्पीकर और मांस की बिक्री की दुकानों को लेकर सियासत...
लाउडस्पीकर
और मांस
की बिक्री
की दुकानों
को लेकर सियासत
भोपाल । मध्य प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सीएम पद की शपथ लेने के साथ ही सत्ता की कमान पर संभाल ली है। मुख्यमंत्री ने 13 दिसंबर (बुधवार) को जारी सीएम के रूप में अपने पहले आदेश में धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर पाबंदी लगाने संबंधी आदेश जारी किए हैं। इस आदेश पर जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया तो उन पर कार्रवाई होगी।
सीएम के पहले आदेश में धार्मिक स्थलों और अन्य स्थलों में अनियमित अथवा अनियंत्रित ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पहला आदेश यही है कि धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज़ में लाउड स्पीकर नहीं बजेंगे और खुले में मांस की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का दिया हवाला
सीएम के आदेश के मुताबिक अनियमित और अनियंत्रित ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर ही प्रतिबंध है। इस आदेश के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का हवाला दिया गया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा हस्ताक्षरित आदेश की प्रति भी सामने आई है। इसमें लिखा है कि, ‘सामने आया है कि विभिन्न धर्म स्थलों में निर्धारित डेसिबल का उल्लंघन करते हुए लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है। शोर से मनुष्य के काम करने की क्षमता, आराम और नींद में व्यवधान पड़ता है। शोर वाले वातावरण से हाई बीपी, बेचैनी, मानसिक तनाव, अनिद्रा जैसे प्रभाव शरीर में पाए जाते हैं। इससे कान के आंतरिक भाग में भी समस्या हो जाती है।
कांग्रेस विरोध में
इस मामले में पूर्व मंत्री और विधायक उमंग सिंघार ने कहा कि यह सीएम का फैसला नहीं है। यह आरएसएस का फैसला है। सबसे पहले तो महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं से जो शुल्क लिया जाता है वो नहीं लेना चाहिए। कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि यह फैसला यदि प्रदूषण कम करने के लिए हुआ है तो इसका स्वागत है लेकिन किसी गलत धारणा से किया गया है तो यह गलत है। खुले में मांस बेचने पर प्रतिबंध के फैसले को बरैया ने गलत बताते हुए कहा कि जो छोटे दुकानदार हैं और खुले में मांस बेच रहे हैं सरकार को उन्हें दुकान देनी चाहिए। इसी मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि यह आदेश कोई नया नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की पहले से गाइडलाइन है। सीएम ने अगर किसानों को लेकर महंगाई को लेकर कोई आदेश दिया होता तो हम स्वागत करते, लेकिन उन्होंने अपने आदेश से यह साबित कर दिया है कि प्रदेश में सरकार नहीं दुर्भावना चलेगी। ये केवल भ्रम फैलने का काम किया जा रहा है।
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