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शिवराज ने मोदी को और कमलनाथ ने राहुल को...........??
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शिवराज ने मोदी को और कमलनाथ ने राहुल को...........??

                                     शिवराज ने मोदी को और कमलनाथ ने राहुल को...........??

                                          

डेस्क रिपोर्ट मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी मात मिली है।धर्म और मुद्दों की लड़ाई में एक बार फिर धर्म की जीत हुई हे जानकारों की माने तो कमलनाथ ने कमज़ोर संगठन के साथ एंटी इंकमबैंसी के सहारे ओवर कॉन्फिडेंस मे चुनाव लड़ा वही समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ ग्रैंड ओल्ड पार्टी की तल्खी काफी हद तक हार की वजह बनी, सपा के नेताओं ने कांग्रेस के इस प्रदर्शन को आधार बनाकर अब कमलनाथ पर हमला बोल दिया है। सपा सांसद एसटी हसन ने मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए कमलनाथ के अहंकार को वजह बताया। वोट शेयर के लिहाज से देखें तो सपा करीब एक फीसदी वोट के आसपास ही वोट पा सकी लेकिन करीबी लड़ाई वाली कई सीटों पर सपा ने हार-जीत के अंतर से अधिक वोट पाए बसपा और अन्य ने भी अच्छा वोट पाया. माना जा रहा है कि सपा-बसपा जैसी पार्टियों और अन्य के चुनाव मैदान में उतरने से विरोधी वोट का बिखराव हुआ और इसका सीधा लाभ सत्ताधारी बीजेपी को मिला, इस हार के बाद कमलनाथ जी को फिर से धीरेन्द्र शास्त्री के पास पर्ची निकलवानी चाहिए।

शिवराज सिंह चौहान की मेहनत रंग लाई है. उन्होंने इस बार पिछले चुनावों से ज्यादा प्रयास किए हैं. यह बात उन्होंने खुद स्वीकार की है. यहां बीजेपी ने चुनाव में सीएम फेस भी घोषित नहीं किया था. शिवराज ने जमीन पर उतरकर काम किया. ताबड़तोड़ सभाएं और रोड शो किए. हर वर्ग को साधने की कोशिश की. महिलाओं को ध्यान मे रखकर योजनाएं लेकर आए और जमीन पर उतारीं. खासतौर पर लाडली बहना योजना ने चर्चा बटोरी. एग्जिट पोल आने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुद कहा, कोई कांटे की टक्कर नहीं है. जो कांटा था, वो लाडली बहना ने निकाल दिया। हम यहाँ ये कह सकते है कि "शिवराज ने मोदी को हराया और कमलनाथ ने राहुल को " 

समाचार लिखे जाने तक मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम के लिए  मतगणना जारी है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है। सीएम शिवराज समेत कई बड़े चेहरे जीते हैं तो फग्गन सिंह कुलस्ते सहित बड़े नाम भी हारे हैं।प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल भी हार गए हैं। वे हरदा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। कांग्रेस के रामकिशोर डोगने से उनका मुकाबला था। कई राउंड में आगे-पीछे होते रहे। आखिरी में बहुत कम वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस महेश परमार के तराना 1949 वोटो से जीते। भाजपा से जितेंद्र पांडे बड़नगर विधानसभा 36693 वोट से जीते। भाजपा से सतीश मालवीय घटिया विधानसभा 17666 वोट से जीते। कांग्रेस दिनेश जैन बॉस महिदपुर विधानसभा से 290 वोटो से जीते। भाजपा मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा से 8137 आगे। भाजपा अनिल जैन कालूखेड़ा उज्जैन उत्तर विधानसभा 27480से  आगे।भाजपा डॉक्टर तेज बहादुर सिंह चौहान नागदा-खाचरोद विधानसभा 15253 से आगे। 

भारत आदिवासी पार्टी ने रतलाम जिले की सैलाना सीट जीतकर मध्य प्रदेश में अपनी पहली जीत दर्ज की। चुनाव आयोग के अनुसार, पार्टी के कमलेश्वर डोडियार ने सैलाना निर्वाचन क्षेत्र में निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को 4,618 मतों के अंतर से हराया। यह पहली बार है कि राजस्थान में मुख्यालय वाली भारत आदिवासी पार्टी ने मध्य प्रदेश के किसी चुनाव में जीत दर्ज की है। रतलाम की सैलाना सीट राजस्थान की सीमा पर स्थित है। 

जिले की चार विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवारों ने प्रचंड बहुमत से चुनाव जीते हैं। रतलाम से भाजपा के चैतन्य काश्यप, रतलाम ग्रामीण से भाजपा के मथुरालाल डामर, जावरा से भाजपा के डॉ राजेंद्र पांडेय, आलोट से भाजपा के डॉचिंतामणि मालवीय वहीं सैलाना विधानसभा सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी के कमलेश्वर डोडियार ने जीत दर्ज की है। पांचो विधानसभा सीटों पर 40 उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें से 27 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए। जिले से कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया है।

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