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ग्रामीणों के आक्रोश के बाद जागा प्रशासन, अतिक्रमण तोड़े
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ग्रामीणों के आक्रोश के बाद जागा प्रशासन, अतिक्रमण तोड़े

 

                                      ग्रामीणों के आक्रोश के बाद जागा प्रशासन, अतिक्रमण तोड़े

                                       

     

डेस्क रिपोर्ट। जिले में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि वो कोई भी अपराधो को बेधड़क अंजाम दे रहे हे पुलिस का खौफ बिलकुल दिखाई नहीं दे रहा हे चाहे चोरी की घटनाए हो या मारपीट चाकूबाज़ी,फिरौती, दादागिरी सभी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा हे अगर वक़्त रहते इन आरोपियों जिन पर पूर्व में भी अपराध पंजीबद्व हे जवाबदारों द्वारा कार्यवाही होती तो कई घटनाओ को रोका जा सकता था, आज भी पिपलोदा में अगर ग्रामीण सड़क पर नहीं आते तो आरोपियों पर शायद कार्यवाही नहीं होती ।

जानकारी के अनुसार बुजुर्ग गवाह की मौत के बाद रविवार को भी आरोपी के घर के आगे शव रखकर प्रदर्शन किया। जानकारी मिलते ही जावरा एसडीम सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा। आक्रोशितों की मांग पर आरोपियों के जहां अतिक्रमण तोड़े गए, वहीं पिपलौदा थाना प्रभारी और जांच अधिकारी को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया। कार्रवाई का डंडा चलने पर आक्रोश कुछ शांत हुआ और बुजुर्ग नाथूलाल चौधरी ( 77)का अंतिम संस्कार किया गया।

उल्लेखनीय है कि 24 जनवरी 2024 को हुए हमले के बाद गंभीर घायल नाथू लाल जाट की शनिवार को मौत हो गई थी। तत्पश्चात परिजन सहित समाज जन आक्रोशित हुए और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। आश्वासन के बाद रतलाम से चले गए मगर मामला इतने से भी शांत नहीं हुआ तो रविवार को अंतिम संस्कार के पहले आरोपियों के मकान तोड़ने और लापरवाह पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग को लेकर आरोपी के घर के बाहर शव कर प्रदर्शन किया।

लोगों का यही आक्रोश था कि जब तक जनपद उपाध्यक्ष सुरेश जाट को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वह शांत नहीं बैठेंगे। पुलिस कर्मियों की लापरवाही के कारण ही आरोपियों के हौसले बुलंद हुए और उन्होंने बुजुर्ग गवाह को मौत के घाट उतार दिया।

 

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