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 मालवा निमाड़ की तीन सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में टक्कर
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मालवा निमाड़ की तीन सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में टक्कर

 

                       मालवा निमाड़ की तीन सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में टक्कर

                                         

डेस्क रिपोर्ट । लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत मध्यप्रदेश की आठ संसदीय सीटों पर 13 मई को होने वाले मतदान के पहले की तिय्यारिया पूर्ण हो चुकी हे। निर्वाचन आयोग की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार इन आठों संसदीय क्षेत्रों पर कुल 74 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनमें देवास और मंदसौर में आठ-आठ, खंडवा में 11, खरगोन में पांच, रतलाम में 12, धार में सात, इंदौर में 14 और उज्जैन में नौ प्रत्याशी शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार इस चरण में राज्य की इंदौर संसदीय सीट इन दिनों सर्वाधिक चर्चाओं में बनी हुई है। कांग्रेस ने यहां से अक्षय कांति बम को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन नामांकन वापसी के दिन उन्होंने सभी को चौंकाते हुए केवल अपना नामांकन वापस ले लिया, बल्कि कांग्रेस को अलविदा कह कर भाजपा का दामन भी थाम लिया। इसके बाद अब इंदौर से कांग्रेस का कोई अधिकृत प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी समेत पार्टी के अन्य नेता अब यहां लोगों से नोटा को वोट देने की अपील कर रहे हैं। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद शंकर ललवानी पर ही दोबारा भरोसा जताया है। चौथे चरण के साथ ही राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो जाएगा।

भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले मालवा निमाड़ की आठ सीटों में से तीन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला रोचक है। कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान छोड़ने के बाद इंदौर मे भाजपा लीड बढ़ाने पर फोकस कर रही है। देवास, मंदसौर, खंडवा और उज्जैन सीट पर भाजपा को कोई चुनौती नजर नहीं  रही है। कांग्रेस ने चुनाव में आदिवासी बाहुुल्य लोकसभा सीट झाबुआ, खरगोन और धार पर ज्यादा फोकस किया है। इन सीटों पर ही कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इन सीटों पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सभाएं की।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी झाबुआ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया और वन मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनिता चौहान आमने सामने है। इस सीट पर तीन मंत्री नागर सिंह चौहान, निर्मला भूरिया और चैतन्य कश्यप की प्रतिष्ठा दांव पर है। झाबुआ और आलीराजपुर से कांग्रेस को मदद की उम्मीद है तो रतलाम शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के परंपरागत वोटबैंक पर भाजपा को भरोसा है। आठों विधानसभा सीटों में सबसे ज्यादा चर्चा झाबुआ लोकसभा सीट की ही हो रही है।

 

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