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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स मामले में फैक्ट्री मालिक एस के सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इधर आरोपी के भाजापाई होने पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस अरुण यादव ने मामले को लेकर ट्वीट किया है।

जानकारी के अनुसार एसके सिंह ने ही आरोपियों को फैक्ट्री किराए पर दी थी। एसके सिंह और जयदीप पर मामला दर्ज हो चुका है। पुलिस पूछताछ में एसके सिंह ने बताया कि -अमित चतुर्वेदी को साबुन बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर दी थी। अमित चतुर्वेदी ने साबुन बनाने का फैक्ट्री कहकर ली थी। जयदीप से फैक्ट्री किराए पर लेते वक्त कॉन्ट्रैक्ट किया था। अमित चतुर्वेदी को किराए पर देने को लेकर कोई लिखा पढ़ी नहीं की गई थी। फर्नीचर कारखाने के लिए जयदीप से फैक्ट्री ली थी। एसके सिंह BHEL से रिटायर्ड कर्मचारी है।

एस पी से मंदसौर के अनुसार भोपाल ड्रग्स फैक्ट्री से जुड़े मामले में मंदसौर से गिरफ़्तार आरोपी हरीश आंजना को गुजरात एटीएस की टीम आज लेकर रवाना हो गई है। मंदसौर पुलिस ने पूछताछ के बाद गुजरात एटीएस के सुपुर्द किया है। एटीएस की पांच सदस्यों वाली टीम कार से लेकर रवाना हुई है। आरोपी ने पूछताछ में लिए मंदसौर सहित राजस्थान के कई अन्य लोगों के नाम लिए है। हरीश आंजना पर चार से अधिक अपराध दर्ज है। 

आरोपी भोपाल को ड्रग प्रोडक्शन का गढ़ बनाना चाहते थे। आरोपी भोपाल में ही ड्रग्स का स्टॉक रखना चाहते थे। महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में भी सप्लाई प्लानिंग की थी। भोपाल में भी ड्रग्स खप रहा था। सात महीने में भोपाल में ड्रग्स के 55 मामलों में कार्रवाई और करीब 13 करोड़ का ड्रग बरामद हुआ है। हर दिन 100 करोड़ की एमडी बनाई जा रही थी। फैक्टी में रोजाना करीब 25 किलो एमडी का निर्माण हो रहा था।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक किलो एमडी की कीमत औसत पांच करोड़ है, इस हिसाब से हर दिन 100 करोड़ की ड्रग्स बनाई जा रही थी। आरोपियों के तार अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर गिरोह से जुड़े हैं। दुबई तक ड्रग्स की खेप पहुंच रही थी। आरोपी विदेशों तक ड्रग की तस्करी करने में माहिर है। ड्रग्स सप्लाई में क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल होने की बात भी सामने आई है।

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