हॉर्वर्ड और ऑक्सफोर्ड में विद्यार्थी परिषद नहीं, इसलिए वे सब फेल- मुख्यमंत्री
हॉर्वर्ड और ऑक्सफोर्ड में विद्यार्थी परिषद नहीं, इसलिए वे सब फेल- मुख्यमंत्री
डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को गुना में शुरु हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 57वें अधिवेशन का शुभारंभ किया। एबीवीपी के पूर्व कार्यकर्ता डॉ. मोहन यादव ने अधिवेशन का शुभारंभ करने के अनुभव को रोमांचक और आनंदमयी बताया। उन्होंने भारत के बाहर दुनिया के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में एबीवीपी की कमी खलने की बात करते हुए कहा कि हॉर्वर्ड और ऑक्सफोर्ड में विद्यार्थी परिषद नहीं हैं, इसलिए वे सब फेल हैं।
जानकारी के अनुसार सीएम ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि किताबों में विद्या हो सकती है लेकिन विद्या को चिंतन-मनन के लिए व्यवहारिक दुनिया में उसका अनुभव करना जरूरी है। तब तक छात्र शक्ति का सही मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आजादी के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नींव रखने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह तत्कालीन सरकार दमनात्मक व्यवहार कर रही थीं, उसे देखते हुए इस छात्र संगठन की आवश्यकता थी। विद्यार्थी परिषद का जन्म होना नवकृष्ण के जन्म की घटना के बराबर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थी परिषद सच्चा देशभक्त नागरिक बनना सिखाता है। विद्यार्थी परिषद का उद्देश्य ही उत्तम नागरिक बनाकर श्रेष्ठ नागरिगता धारण कराना है। व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करते-करते विद्यार्थी देश और प्रदेश के साथ-साथ विश्व का जवाबदेह नागरिक बने, इस भावना के साथ विद्यार्थी परिषद काम करती है।
डॉ. मोहन यादव के अनुसार छात्र शक्ति में ही राष्ट्रशक्ति छिपी हुई है। इसे विद्यार्थी परिषद दिशा देने का काम कर रहा है। जब लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा था उस समय एक आंदोलन गुजरात से शुरु होकर बिहार तक बढ़ा और वहां से जयप्रकाश के नेतृत्व में देशभर में फैल गया। तब भी विद्यार्थी परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण थी। उन्होंने दावा किया कि 18 वर्ष की आयु में वोट डालने का अधिकार विद्यार्थी परिषद की वजह से ही मिला है।
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